हरिद्वार: मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, देहरादून ने कैंसर के इलाज में प्रिसीजन कैंसर ट्रीटमेंट को लेकर लोगों को जागरुक किया। यह एक एडवांस्ड तकनीक है जो सीधे कैंसर कोशिकाओं को पहचानकर उन पर ही असर करती है और आसपास की स्वस्थ कोशिकाओं को सुरक्षित रखती है। यह तकनीक पारंपरिक कीमोथेरेपी और रेडिएशन से एकदम अलग है, क्योंकि इसमें इलाज केवल उन जीन और प्रोटीन को निशाना बनाता है जो कैंसर के विकास के लिए ज़िम्मेदार होते हैं।
पारंपरिक कैंसर उपचार के दौरान मरीजों को थकान, उल्टी, बाल झड़ना और कई अन्य गंभीर दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है। लेकिन प्रिसीजन थेरेपी की खासियत यह है कि यह उपचार कम साइड इफेक्ट्स, अधिक सटीकता और बेहतर रिकवरी सुनिश्चित करता है। इस तकनीक की मदद से डॉक्टर हर मरीज की बीमारी की स्थिति और जेनेटिक प्रोफाइल के आधार पर व्यक्तिगत उपचार की योजना बना सकते हैं।
डॉ. अमित बडोला, कंसल्टेंट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, देहरादून ने बताया, “आज कैंसर का इलाज केवल दवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि हम मरीज के शरीर में मौजूद जेनेटिक बदलावों और कैंसर कोशिकाओं के व्यवहार को समझकर उपचार कर सकते हैं। प्रिसीजन थेरेपी ब्रेस्ट कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, कोलन कैंसर और कई रक्त कैंसर के मामलों में अत्यधिक सफल साबित हो रही है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि मरीज इलाज के दौरान भी अपनी जीवनशैली अपेक्षाकृत सामान्य रख सकते हैं।”
डॉ. बडोला, ने बताया, “कैंसर उपचार में प्रिसीजन थेरेपी एक बड़ी क्रांति है। इससे हम मरीज के जेनेटिक प्रोफाइल के आधार पर दवा चुन सकते हैं। यह इलाज न केवल जीवन की गुणवत्ता बेहतर करता है बल्कि बीमारी को लंबे समय तक नियंत्रित रखने में भी मदद करता है।”
मैक्स अस्पताल देहरादून का ऑन्कोलॉजी विभाग आधुनिक डायग्नोस्टिक सुविधाओं, इम्यूनोथेरेपी, रोबोटिक सर्जरी और टारगेटेड दवाओं की मदद से उत्तराखंड और आसपास के मरीजों को विश्वस्तरीय कैंसर उपचार उपलब्ध करा रहा है। अब प्रदेश के कैंसर मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों या विदेश जाने की ज़रूरत नहीं है।
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