मसूरी।
मसूरी से दिल्ली तक स्केट पर रैली निकालने के 49 वर्ष पूरे होने पर मसूरी के जानेमाने स्केटर गोपाल भारद्वाज ने गढवाल टैरेस पर 74 वर्ष की आयु में स्केट चलाकर इस दिवस को मनाया व युवाओं को संदेश दिया कि वे स्वस्थ्य रहे, अपने को फिट रखें व नशे से दूर रहे।
इतिहासकार व स्केटर गोपाल भारद्वाज ने मसूरी से दिल्ली स्केट से जाने का अपने चार साथियों के साथ रिकार्ड बनाया था जो आज तक नहीं टूटा। मसूरी से दिल्ली स्केटस पर जाने के 49 वर्ष पूरे होने पर उन्होंने इस दिन को यादगार बनाने के लिए 74 वर्ष की उम्र में स्केटस से गढवाल टैरेस पर चक्कर लगाये। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सन 1975 में वह अपने साथियों संगारा सिंह, गुरूदर्शन सिंह, गुरूचरण सिंह होरा, आनंद वर्धन के साथ मसूरी से दिल्ली स्केटस से गये जिसमें अब तीन लोग नहीं रहे। उन्होंने कहा कि स्पोटर्स मैन स्पिरिट सभी में होनी चाहिए लेकिन उस समय खिलाडियों को कोई मदद नहीं मिलती थी। उस समय मसूरी में स्केटस का बडा महत्व था व मसूरी के खिलाडियों ने स्केटस हॉकी, दौड़ सहित अनेक विधाओं में मसूरी का नाम देश व विदेश में रोशन किया। उन्होंने कहा कि जब वे मसूरी से गये थे तब भारत के खेल मंत्री व हाकी के जादूगर ध्यानचंद के भाई रूप सिंह ने उन्हें पत्र लिखे व हौसला अफजाही की। लेकिन किसी भी तरह की कोई मदद की गई आज भले ही खेलों को महत्व दिया जा रहा है लेकिन तब ऐसा नहीं था इस पर सरकार को सोचना चाहिए। जिस दिन मसूरी से गये थे उस दिन बर्फ पड़ रही थी। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें व नशे से दूर रहेे। हर किसी को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए यही कारण है कि इस उम्र में भी वह स्केटस पहन कर चला रहे हेै। मसूरी स्केटिंग का हब रहा है व पूरे विश्व में नाम किया है तब मसूरी में एशिया का सबसे बडा रिंक होता था, लेकिन अब मसूरी में स्केटस का इतना महत्व नही रहा। उन्होंने बताया कि मसूरी से दिल्ली 320 किमी है जिसे तय करने में पांच दिन लगे थे व दिल्ली पहुुंचने पर उप राज्यपाल कृष्ण चंद ने स्वागत किया था।
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