पर्यटन गांव बंगलो की काण्डी में धूमधाम के साथ मनाई गई पहाड़ी बग्वाल, पारंपरिक वेशभूषा के साथ महिलाओं पुरुषों ने जमकर किया नृत्य।

पर्यटन गांव बंगलो की काण्डी में धूमधाम के साथ मनाई गई पहाड़ी बग्वाल, पारंपरिक वेशभूषा के साथ महिलाओं पुरुषों ने जमकर किया नृत्य।
पहाड़ों की रानी मसूरी से सटे धनोल्टी विधानसभा के पर्यटक ग्राम बंगलो की काण्डी में पहाड़ी बग्वाल बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाई गई.. ग्रामीण महिलाओं ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा के साथ ढोल की स्थापना पर नृत्य किया.. इस मौके पर ग्रामीणों ने घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जिसमें स्वांले, पकोड़े, और चूड़ा बनाई जाती है.. जिसको ग्रामीण एक दूसरे को घरों में बुलाकर खिलाते हैं..
आपको बता दें की सबसे पहले गांव के युवा जंगल से घास लाते हैं.. उसके बाद जिस घर के ऊपर यह भांड ( घास का रस्सा ) रखा जाता है.. उस घर की महिलाओं द्वारा घास लाने वाले युवाओं की पूजा की जाती है.. पूजा करने के बाद एक ढेमसिया बनाया जाता है.. जिसको ग्रामीण ढोल की थाप पर रासो नृत्य कर जलाते है.. उसके बाद ग्रामीण उसे घास का एक लंबा रास्ता बनाते हैं.. जिसको गांव की महिलाएं पुरुष और बच्चों के साथ पर्यटक भी इस घास के रस्से को खींच कर दिवाली का आनंद देता है.. माना जाता है कि यह घास का रस्सा नाग देवता का रूप होता है..
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भगवान रामचंद्र विजय पाकर अयोध्या लूटे थे तो इसकी सूचना पहाड़ी क्षेत्रों में एक महीने बाद लगी जिसकी खुशी में इस दिवाली को बूढ़ी बग्वाल के रूप में एक महीने बाद मानते हैं..
इस मौके पर नरेश नौटियाल, राजेश नौटियाल,सुशील नौटियाल, सुनील नौटियाल, नागेंद्र पवार, सिकंदर रावत, विजय नौटियाल, संजय रावत, रमेश नौटियाल, प्रभा नौटियाल, प्रियंका नौटियाल सहित ग्रामीण मौजूद रहे।

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