उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलनकारी प्रदीप भण्डारी ने मसूरी पालिका के ईओ पर गौशाला निर्माण के नाम पर 75 लाख के घोटाले का आरोप लगाया है

मसूरी

उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलनकारी प्रदीप भण्डारी ने मसूरी पालिका के ईओ पर गौशाला निर्माण के नाम पर 75 लाख के घोटाले का आरोप लगाया है जिसकी शिकायत शहरी विकास निदेशालय को की गई है। जिसमें झड़ीपानी में फर्जी गौशाला के नाम पर बनें अवैध फ्लैटों को गुपचुप ढंग से बांटने का आरोप है जबकि इस निर्माण को एमडीडीए ने सील कर दिया था, लेकिन क़ानून को ठेंगा दिखाते हुए उन्हीं फ्लैटों की सील तोड़ कर चहेतों को आवंटित किया गया है।
निदेशालय को लिखे शिकायती पत्र में निदेशक शहरी विकास से सम्पूर्ण प्रकरण की जांच की मांग की गई है तथा जाँच निदेशक शहरी विकास निदेशालय स्तर के अधिकारी से कराने के साथ ही जांच पूरी होने तक मसूरी ईओ राजेश नैथाणी को पदमुक्त रखने की मांग की गई है।   निदेशक शहरी विकास निदेशालय को सौपें पत्र में लिखा है कि मसूरी के झड़ीपानी क्षेत्र में एक फर्जी गौशाला के नाम पर नगर पालिका परिषद मसूरी के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से पूर्व में निर्मित हो चुके एक अवैध दोमंजिला भवन पर दोबारा 75 लाख से अधिक का घोटाला किया गया है जबकि भवन पहले बन चुका था बाद में उसके फर्जी निर्माण के नाम पर गत वर्ष 11 मई 2023 को अधिशासी अधिकारी पालिका ने 75 लाख से अधिक का टेंडर निकाला।   जिस दिन समाचार पत्र में टेंडर निकला उसी दिन पत्र लेखक द्वारा सम्बन्धित दोमंजिला भवन की फोटो खींचकर नगर पालिका ईटो को संज्ञान के लिए भेज दी थी। तथा जनधन की हानि रोकने के लिए 12 मई 2023 को पत्र व फोटो पालिका उन्हें सौंप दी गई थी। मगर एक साल बाद भी ईओ राजेश नैथाणी ने पत्र पर काई कार्यवाही नहीं की। पत्र  में आगे कहा गया है कि फर्जी गौशाला के नाम पर गलत मंसूबों के तहत बनाए गए उक्त अवैध दोमजिला भवन के 5 फलैटों समेत समूचे परिसर को 30 जनू 2023 को एमडीडीए ने सील कर दिया गया था। यह भी घोटाला है कि जिस गौशाला के नाम पर पूरा खेल खेला गया उस गौशाला में एक भी गाय नहीं है और न हीं उसका स्वरूप गौशाला जैसा है। जिस गोशाला के नाम पर करोड़ों रुपए बर्बाद किये गए उसके ऊपर अनेक फ्लैट तो बन गए और उनपर लोग रहने भी लगे हैं। पत्र में  ईओ राजेश नैथाणी पर यह भी आरोप लगाए गए हैं कि वे अपने पद की गरिमा के विरुद्ध प्राईवेट मार्गाे पर पालिका का धन दुरूपयोग करने, आर.टी.आई में सही सूचना न देने पर जुर्माना किया गया है। पत्र में मांग की गई है कि जांच पूरा होने तक ई ओ राजेश नैथाणी को पदमुक्त रखा जाय और लोकधन का दुरूपयोग पाए जाने की दशा में दोषियों से लोकधन की वसूली की जाय। इस संबंध में नगर पालिका ईओ राजेश नैथानी ने कहा कि प्रदीप भंडारी के आरोप जानकारी पूरी न होने व बेबुनियाद है। उन्होंने बताया कि झडीपानी गौशाला का निर्माण 75 लाख में हुआ था लेकिन जो गौशाला के उपर एक एक कमरे के बीस फ्लेट बनाये जाने थे लेकिन दस ही बन पाये जिनके बाकायदा टेंडर निकाले गये थे। उन्हें नगर पालिका परिषद बोर्ड मीटिंग में आवंटित करने के प्रस्ताव के बाद आवंटित किया गया। इस पर जब एमडीडीए ने तीन कमरे सील कर दिए जो आज भी बंद है केवल सात कमरे आवंटित किए गये। वहीं उन्होंने बताया कि एमडीडीए की सीलिंग के बाद ठेकेदार का भुगतान भी रोक दिया गया है।

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