पटटी छह जुला जौनपुर तहसील धनोल्टी में लगातार हो रहे भूमि घोटाले की ग्रामीणों ने एसआईटी जांच की मांग की।

मसूरी।

पटटी छह जुला जौनपुर तहसील धनोल्टी में लगातार हो रहे भूमि घोटाले की एसआईटी जांच की मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री से की गई है। क्षेत्र के ग्रामीण बाबू सिंह, शूरवीर सिंह, चंद्रपाल सिंह पंवार, सरदार सिहं, व सत्ये सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर भूमि पर अवैध कब्जा कर बेचने के घोटाले को रोकने के लिए एसआईटी जांच की मांग की है।

सरदार सिंह मल्ल ने पत्रकारों से बातचीत में अवगत कराया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र में एसआईटी जांच की मांग की है, पत्र में अवगत कराया गया है कि घंडियाला पटटी छह जुला तहसील धनोल्टी, नैनबाग गांव के कास्तकारों की कुल 56 खेत जिका रक्बा 1.4210 हेक्टेयर के खेतों को कब्जे के आधार पर अपने नाम करवाने के संबंध में न्यायालय असिस्टेट कलक्टर धनोल्टी टिहरी गढवाल में वाद जेडएएलआर एक्ट के अंतर्गत भूमि को अपने नाम करने के लिए वादी गण बलबीर सिंह, जगत सिंह, धर्म सिंह व रूप सिंह निवासी घंडियाला पटटी छैजुला ने प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिसको न्यायालय ने 13 सितंबर 2010 को खारिज कर दिया था। लेकिन कुछ समय बाद एक और मुकदमा उपरोक्त भूमि को कब्जे के आधार पर अपने नाम दर्ज करने के लिए रणवीर सिंह, सरूप सिंह, लुदर सिह,भौ सिंह व कुंवर सिह निवासी घडियाला ने तहसील धनोल्टी के नाम से नया मुकदमा दर्ज किया व मिली भगत कर उनका दाखिला स्वीकार कर लिया गया। व तहसील धनोल्टी को विक्रय कर दिया गया था। जिसके मूल दाखला खारजा के प्रपत्र तहसील धनोल्टी से गायब करवा दिए गये। वहीं दाखिला खारिज तहसीलदार के फैसले की मूल प्रति को भी तहसील से गायब करवा दिया गया। वहीं ग्राम भटोली में खाता खतौनी सं. 18 फसली वर्ष 1431-1436 में सह खातेदारों की सं. 56 है जिसमें उक्त खाते के कुल 0.65त्र350 हेक्टेयर भूमि दर्ज है लेकिन उक्त भूमि को सह खातेदार के अंश से अधिक की भूमि का बैनामा व दाखिल खारजा तहसील प्रशासन की मिली भगत से नियमों के विरूद्ध किया गया तथा संपूर्ण कास्तकारों की भूमि एक ही कास्तकार के द्वारा विक्रय दिखाकर गैर कानूनी ढंग से भूमि अभिलेखों में दर्ज किया गया जो कि नियम विरूद्ध है और यह कार्य अधिकारियों की मिली भगत से ही संभव है। इस संबंध में मुख्यमंत्री से एसआईटी जांच करवाने की मांग की गई है  इस मौके पर बाबू सिंह, चंद्रपाल सिंह पंवार, सत्ये सिंह, सब्बल सिंह रावत व नरेश सिंह मल्ल मौजूद रहे।

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